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"आस्था / धर्मवीर भारती" के अवतरणों में अंतर

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21:33, 26 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

रात:
पर मैं जी रहा हूँ निड़र
जैसे कमल
जैसे पंथ
जैसे सूर्य

क्योंकि
कल भी हम खिलेंगे
हम चलेंगे
हम उगेंगे

और वे सब साथ होंगे
आज जिनको रात नें भटका दिया है!