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"बेकलेजा आदमी / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
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अबकि जब बहुत दर्द कलेजे में उठेगा
हम कलेजा चबा जाएंगे अपना
पोर-पोर चीर देती टीसों से तो बेहतर है
बेकलेजा आदमी..
२२.०४.१९९५