Changes

गुनह करेंगे / अशोक चक्रधर

92 bytes removed, 03:20, 28 अक्टूबर 2009
रचनाकार: [[अशोक चक्रधर]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार=अशोक चक्रधर]]}} ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*{{KKCatKavita}}<poem>
हम तो करेंगे
 
गुनह करेंगे
 
पुनह करेंगे।
 
वजह नहीं
 
बेवजह करेंगे।
 
कल से ही लो
 
कलह करेंगे।
 
जज़्बातों को
 
जिबह करेंगे
 
निर्लज्जों से
 
निबह करेंगे
 
सुलगाने को
 
सुलह करेंगे।
 
हम ज़ालिम क्यों
 
जिरह करेंगे
संबंधों में
 
गिरह करेंगे
 
रस विशेष में
 
विरह करेंगे
 
जो हो, अपनी
 
तरह करेंगे
 
रात में चूके
 
सुबह करेंगे
गुनह करेंगे
 
पुनह करेंगे
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits