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"डायरी : मार्च'78 (रावण के माथे) / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर
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दिशा-ज्ञान बाँटा | दिशा-ज्ञान बाँटा | ||
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माथे से टकराया | माथे से टकराया | ||
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एक ही धड़ पर आँखें मटकाता । | एक ही धड़ पर आँखें मटकाता । | ||
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लेकिन अन्दर-अन्दर रावण के ये | लेकिन अन्दर-अन्दर रावण के ये | ||
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दस-दस माथे | दस-दस माथे | ||
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रहे सोचते एक ही बात | रहे सोचते एक ही बात | ||
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एक ढंग से एक ही बात | एक ढंग से एक ही बात | ||
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रावण के ये दस-दस माथे । | रावण के ये दस-दस माथे । | ||
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13:05, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक माथा दूसरे से
दूसरा तीसरे से
तीसरा चौथे से...सातवें से...दसवें से
भिड़ा-टकराया,
हर माथा अलग-अलग बोला
अलग-अलग मुँह फेर ताका
एक-दूसरे को डाँटा
दिशा-ज्ञान बाँटा
ज़रा भी चली हवा कि माथा
माथे से टकराया
लड़ा-झगड़ा
एक ही धड़ पर आँखें मटकाता ।
लेकिन अन्दर-अन्दर रावण के ये
दस-दस माथे
रहे सोचते एक ही बात
एक ढंग से एक ही बात
रावण के ये दस-दस माथे ।