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22:47, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण

रचनाकार : नरेंन्द्र मोहन


मेरे साथ-साथ

भाग रहा

जंगल

दोनों तरफ

और मैं सीधा सुरक्षित रास्ता छोड़

भाग जाना चाहता हूँ

जंगल में


एक जंगल चित्र में

एक चित्र से बाहर

मैं बाहर आ खड़ा हुआ हूँ चित्र से

जंगल में


कौन है यहाँ मेरा सगा

पुकारता मुझे !