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"प्रेम-4 / अर्चना भैंसारे" के अवतरणों में अंतर
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23:17, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
कैसे सुन लेते हो
तुम
गहरी नींद में भी
मेरे पैरों की आहट
और जाग जाते हो
आधी रात गए
बिना चौंके...