भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चल कर जाते हैं बच्चे स्कूल / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवतार एनगिल |संग्रह= }} <poem> नन्हें बच्चे चलकर पहुँ...) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
नन्हें बच्चे | नन्हें बच्चे |
10:47, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
नन्हें बच्चे
चलकर पहुँचते हैं स्कूल
मगर
छुट्टी होते ही
घर के लिए भागते हैं
आओ !
हम कोई ऎसा खेल रचाएँ
कि बच्चे
भागते हुए स्कूल आएँ
और घर
चलकर जाएँ ।