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"एक लड़का / इब्ने इंशा" के अवतरणों में अंतर
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एक छोटा-सा लड़का था मैं जिन दिनों | एक छोटा-सा लड़का था मैं जिन दिनों | ||
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एक मेले में पंहुचा हुमकता हुआ | एक मेले में पंहुचा हुमकता हुआ | ||
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जी मचलता था एक-एक शै पर मगर | जी मचलता था एक-एक शै पर मगर | ||
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जेब खाली थी कुछ मोल ले न सका | जेब खाली थी कुछ मोल ले न सका | ||
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लौट आया लिए हसरतें सैकड़ों | लौट आया लिए हसरतें सैकड़ों | ||
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एक छोटा-सा लड़का था मै जिन दिनों | एक छोटा-सा लड़का था मै जिन दिनों | ||
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खै़र महरूमियों के वो दिन तो गए | खै़र महरूमियों के वो दिन तो गए | ||
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आज मेला लगा है इसी शान से | आज मेला लगा है इसी शान से | ||
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आज चाहूं तो इक-इक दुकां मोल लूं | आज चाहूं तो इक-इक दुकां मोल लूं | ||
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आज चाहूं तो सारा जहां मोल लूं | आज चाहूं तो सारा जहां मोल लूं | ||
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नारसाई का जी में धड़का कहां ? | नारसाई का जी में धड़का कहां ? | ||
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पर वो छोट-सा अल्हड़-सा लड़का कहां ? | पर वो छोट-सा अल्हड़-सा लड़का कहां ? | ||
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नारसाई=असमर्थता | नारसाई=असमर्थता | ||
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19:00, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण
एक छोटा-सा लड़का था मैं जिन दिनों
एक मेले में पंहुचा हुमकता हुआ
जी मचलता था एक-एक शै पर मगर
जेब खाली थी कुछ मोल ले न सका
लौट आया लिए हसरतें सैकड़ों
एक छोटा-सा लड़का था मै जिन दिनों
खै़र महरूमियों के वो दिन तो गए
आज मेला लगा है इसी शान से
आज चाहूं तो इक-इक दुकां मोल लूं
आज चाहूं तो सारा जहां मोल लूं
नारसाई का जी में धड़का कहां ?
पर वो छोट-सा अल्हड़-सा लड़का कहां ?
नारसाई=असमर्थता