"एक दिन आयेगा / आलोक श्रीवास्तव-२" के अवतरणों में अंतर
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2 <poem> एक दिन आयेगा जब तुम जिस रा...) |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव- | + | |रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-२ |
− | < | + | |संग्रह=वेरा, उन सपनों की कथा कहो! / आलोक श्रीवास्तव-२ |
− | + | }} | |
+ | {{KKCatKavita}} | ||
+ | <Poem> | ||
एक दिन आयेगा | एक दिन आयेगा | ||
जब तुम जिस रास्ते गुजरोगी | जब तुम जिस रास्ते गुजरोगी |
10:35, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक दिन आयेगा
जब तुम जिस रास्ते गुजरोगी
वहीं सबसे पहले खिलेंगे फूल
तुम जिन भी झरनों को छूओगी
सबसे मीठा होगा उनका पानी
जिन भी दरवाजों पर
तुम्हारे हांथों की थपथपाहट होगी
खुशियाँ वहीं आयेंगीं सबसे पहले
जिस भी शख्स से तुम करोगी बातें
वह नफ़रत नहीं कर पायेगा
फिर कभी किसी से
जिस भी किसी का कंधा तुम छुओगी
हर किसी का दुख उठा लेने की
कूवत आ जायेगी उस कंधे में
जिन भी आंखों में तुम झांकोगी
उन आंखों का देखा हर कुछ
वसंत का मौसम होगा
जिस भी व्यक्ति को तुम प्यार करोगी
चाहोगी जिस किसी को दिल की गहराइयों से
सारे देवदूत शर्मसार होंगे उसके आगे
चैत्र के ठीक पहले
पत्रहीन हो गये पलाश-वृक्षों पर
जैसे रंग उतरता है
ॠतु भींगती है भोर की ओस में
वैसे ही गुजरोगी तुम एक दिन
हमारी इच्छाओं, दुखों और स्वप्नों के बीच से
एक दिन आयेगा
जब हम दुखी नहीं होंगे तुम्हें लेकर
तुम्हें दोष नहीं देंगे
उम्मीदें नहीं पालेंगे
पर, सचमुच तुम्हें चाह सकेंगे
तुम भी महसूस कर सकोगी
हमारे प्यार का ताप ।