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"मतलब-तलब हुआ है दिल ऐ शैख़ो-बरहमन / सौदा" के अवतरणों में अंतर

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मतलब-तलब हुआ है दिल ऐ शैख़ो-बरहमन
 
मतलब-तलब हुआ है दिल ऐ शैख़ो-बरहमन

20:39, 13 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मतलब-तलब हुआ है दिल ऐ शैख़ो-बरहमन
सूरत हरम की कैसी है, क्या शक्ले-दैर है
चाहा कि जूँ-हुबाब मैं देखूँ ये क़ायनात
खोले नयन तो और ही आलम की सैर है