भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जीने के नाम पर / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:04, 22 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
इतनी कहानियाँ
इतनी कविताएँ
इतने-इतने शब्द
दुनिया समझ रही इसे
समय और
समाज का आईना
हमने तो
सिली वही
जीने के नाम पर जो मिली कथरी।