भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सिर्फ़ एक कविता / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:17, 22 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
इतनी बारीक लकीरें थीं भीतर
कि दिखती भी नहीं थीं
मैंने लगभग कोरे काग़ज़ पर
लिखी समूचे जीवन में
सिर्फ़ एक कविता
जीवन से बड़ी।