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पहले तुम  
 
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कविता लिखते थे  
 
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इतनी अच्छी
 
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अब क्या हो गया तुम्हें
 
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बतलाओ ज़रा
 
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इधर-उधर फैली बातों को
 
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झुठलाओ ज़रा
 
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कहना सब बातें तुम लेकिन
 
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सच्ची-सच्ची
 
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और फिर से कविता लिखना तुम
 
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वैसी ही अच्छी
 
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(रचनाकाल : 1996)
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20:54, 26 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण


पहले तुम
कविता लिखते थे
इतनी अच्छी

अब क्या हो गया तुम्हें
बतलाओ ज़रा
इधर-उधर फैली बातों को
झुठलाओ ज़रा

कहना सब बातें तुम लेकिन
सच्ची-सच्ची
और फिर से कविता लिखना तुम
वैसी ही अच्छी


रचनाकाल : 1996