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"गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख / इक़बाल" के अवतरणों में अंतर
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गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख<br> | गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख<br> |
01:22, 2 जून 2008 के समय का अवतरण
गुलज़ार-ए-हस्त-ओ-बू न बेगानावार देख
है देखने की चीज़ इसे बार बार देख
आया है तो जहाँ में मिसाल-ए-शरर देख
दम दे नजये हस्ती-ए-नापायेदार देख
माना के तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतज़ार देख
खोली हैं ज़ौक़-ए-दीद ने आँखें तेरी तो फिर
हर रहगुज़र में नक़्श-ए-कफ़-ए-पाय-ए-यार देख