भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"स्त्री / शलभ श्रीराम सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: <font size=1 color=black>प्रथम फ्लैप {हस्त लिखित}</font><br> ०<br> || स्त्री ||<br> ० <br> एक हँसी क…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("स्त्री / शलभ श्रीराम सिंह" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | || | + | |रचनाकार=शलभ श्रीराम सिंह |
− | + | |संग्रह=उन हाथों से परिचित हूँ मैं / शलभ श्रीराम सिंह | |
− | < | + | }} |
− | एक हँसी का नाम है स्त्री | + | {{KKCatKavita}} |
− | स्त्री एक रुलाई का नाम है | + | <poem> |
− | एक खामोशी का नाम है स्त्री | + | एक हँसी का नाम है स्त्री |
+ | स्त्री एक रुलाई का नाम है | ||
+ | एक खामोशी का नाम है स्त्री | ||
− | + | स्त्री एक ख़बर का नाम है | |
− | स्त्री एक | + | एक नज़र का नाम है स्त्री |
− | एक नज़र का नाम है स्त्री | + | स्त्री एक लहर का नाम है। |
− | स्त्री एक लहर का नाम | + | |
− | + | एक चेतना का नाम है स्त्री | |
− | एक चेतना का नाम है स्त्री | + | स्त्री एक घटना का नाम है |
− | स्त्री एक घटना का नाम है | + | एक रचना का नाम है स्त्री। |
− | एक रचना का नाम है | + | |
− | + | स्त्री के भीतर | |
− | स्त्री के भीतर | + | मुझे कभी कोई स्त्री नहीं दिखी |
− | मुझे कभी कोई स्त्री नहीं दिखी | + | एक भी पंक्ति नहीं लिखी मैंने |
− | एक भी पंक्ति नहीं लिखी मैंने | + | स्त्री के ऊपर। |
− | स्त्री के | + | |
− | + | ||
− | + | '''रचनाकाल : 1993''' | |
+ | </poem> |
01:27, 24 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक हँसी का नाम है स्त्री
स्त्री एक रुलाई का नाम है
एक खामोशी का नाम है स्त्री
स्त्री एक ख़बर का नाम है
एक नज़र का नाम है स्त्री
स्त्री एक लहर का नाम है।
एक चेतना का नाम है स्त्री
स्त्री एक घटना का नाम है
एक रचना का नाम है स्त्री।
स्त्री के भीतर
मुझे कभी कोई स्त्री नहीं दिखी
एक भी पंक्ति नहीं लिखी मैंने
स्त्री के ऊपर।
रचनाकाल : 1993