भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"होगा एक और शब्द / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो (होगा एक और शब्द /मोहन राणा का नाम बदलकर होगा एक और शब्द / मोहन राणा कर दिया गया है)
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=पत्थर हो जाएगी नदी / मोहन राणा
 
|संग्रह=पत्थर हो जाएगी नदी / मोहन राणा
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
 +
<poem>
 
नीली रंगतें बदलती
 
नीली रंगतें बदलती
 
 
आकाश और लहरों की
 
आकाश और लहरों की
 
 
बादल गुनगुनाता कुछ
 
बादल गुनगुनाता कुछ
 
 
सपना-सा खुली आँखों का
 
सपना-सा खुली आँखों का
 
 
कैसा होगा यह दिन
 
कैसा होगा यह दिन
 
 
कैसा होगा  
 
कैसा होगा  
 
 
यह वस्त्र क्षणों का
 
यह वस्त्र क्षणों का
 
 
ऊन के धागों का गोला
 
ऊन के धागों का गोला
 
 
समय को बुनता
 
समय को बुनता
 
 
उनींदे पत्थरों को थपकाता
 
उनींदे पत्थरों को थपकाता
 
  
 
होगा एक और शब्द
 
होगा एक और शब्द
 
 
कहने को   
 
कहने को   
 
 
यह किसी और दिन
 
यह किसी और दिन
  
 
+
'''रचनाकाल: 28.5.2001
 
+
</poem>
28.5.2001
+

17:32, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

नीली रंगतें बदलती
आकाश और लहरों की
बादल गुनगुनाता कुछ
सपना-सा खुली आँखों का
कैसा होगा यह दिन
कैसा होगा
यह वस्त्र क्षणों का
ऊन के धागों का गोला
समय को बुनता
उनींदे पत्थरों को थपकाता

होगा एक और शब्द
कहने को
यह किसी और दिन

रचनाकाल: 28.5.2001