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"तुझसे तो कोई गिला नहीं है / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

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तुझसे तो कोई गिला नहीं है
 
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क़िस्मत में मेरी सिला नहीं है
 
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बिछड़े तो न जाने हाल क्या हो
 
बिछड़े तो न जाने हाल क्या हो
 
 
जो शख़्स अभी मिला नहीं है
 
जो शख़्स अभी मिला नहीं है
 
  
 
जीने की तो आरज़ू ही कब थी
 
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मरने का भी हौसला नहीं है
 
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जो ज़ीस्त को मोतबर बना दे
 
जो ज़ीस्त को मोतबर बना दे
 
 
ऎसा कोई सिलसिला नहीं है
 
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ख़ुश्बू का हिसाब हो चुका है
 
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और फूल अभी खिला नहीं है
 
और फूल अभी खिला नहीं है
 
  
 
सहशारिए-रहबरी में देखा
 
सहशारिए-रहबरी में देखा
 
 
पीछे मेरा काफ़िला नहीं है
 
पीछे मेरा काफ़िला नहीं है
 
  
 
इक ठेस पे दिल का फूट बहना
 
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छूने में तो आबला नहीं है
 
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गिला=शिकायत; सिला=सफलता; ज़ीस्त=जीवन; मोतबर=विश्वसनीय; सरशारिए-रहबरी=नेतृत्व के पूर्ण हो जाने पर; आबला=छाला
 
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गिला=शिकायत; सिला=सफलता; ज़ीस्त=जीवन; मोतबर=विश्वसनीय; सरशारिए-रहबरी=नेतृत्व के पूर्ण हो जाने पर;
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आबला=छाला
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13:01, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

तुझसे तो कोई गिला नहीं है
क़िस्मत में मेरी सिला नहीं है

बिछड़े तो न जाने हाल क्या हो
जो शख़्स अभी मिला नहीं है

जीने की तो आरज़ू ही कब थी
मरने का भी हौसला नहीं है

जो ज़ीस्त को मोतबर बना दे
ऎसा कोई सिलसिला नहीं है

ख़ुश्बू का हिसाब हो चुका है
और फूल अभी खिला नहीं है

सहशारिए-रहबरी में देखा
पीछे मेरा काफ़िला नहीं है

इक ठेस पे दिल का फूट बहना
छूने में तो आबला नहीं है

गिला=शिकायत; सिला=सफलता; ज़ीस्त=जीवन; मोतबर=विश्वसनीय; सरशारिए-रहबरी=नेतृत्व के पूर्ण हो जाने पर; आबला=छाला