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"कुर्ते की जेबें खाली हैं, औ' फटा हुआ है पाजामा / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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कुर्ते की जेबें खाली हैं , औ’ फटा हुआ है पाजामा
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कुर्ते की जेबें खाली हैं, औ’ फटा हुआ है पाजामा
इनको न भिखारी समझो तुम ,ये करने निकले हंगामा
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इनको न भिखारी समझो तुम, ये करने निकले हंगामा
  
धक्के-मुक्के, गाली-गुस्सा ,खा-पीकर इतने बड़े हुए
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धक्के-मुक्के, गाली-गुस्सा, खा-पीकर इतने बड़े हुए
 
फुसला न सकोगे इनको तुम, दिखला करके चंदामामा
 
फुसला न सकोगे इनको तुम, दिखला करके चंदामामा
  
 
दिल्ली वाले बाजीगर जी! अब जाग उठा है शेषनाग
 
दिल्ली वाले बाजीगर जी! अब जाग उठा है शेषनाग
भागो, छोड़ो यह बीन-शीन, यह टोपी-बालों का ड्रामा </Poem>
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भागो, छोड़ो यह बीन-शीन, यह टोपी-बालों का ड्रामा  
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19:41, 27 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

 
कुर्ते की जेबें खाली हैं, औ’ फटा हुआ है पाजामा
इनको न भिखारी समझो तुम, ये करने निकले हंगामा

धक्के-मुक्के, गाली-गुस्सा, खा-पीकर इतने बड़े हुए
फुसला न सकोगे इनको तुम, दिखला करके चंदामामा

दिल्ली वाले बाजीगर जी! अब जाग उठा है शेषनाग
भागो, छोड़ो यह बीन-शीन, यह टोपी-बालों का ड्रामा