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"मियाँ मैं शेर हूँ शेरों की गुर्राहट नहीं जाती / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर

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16:09, 31 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण


मियाँ मैं शेर हूँ शेरों की गुर्राहट नहीं जाती
मैं लहजा नर्म भी कर लूँ तो झुँझलाहट नहीं जाती

मैं इक दिन बेख़याली में कहीं सच बोल बैठा था
मैं कोशिश कर चुका हूँ मुँह की कड़ुवाहट नहीं जाती

जहाँ मैं हूँ वहीं आवाज़ देना जुर्म ठहरा है
जहाँ वो है वहाँ तक पाँव की आहट नहीं जाती

मोहब्बत का ये जज़बा जब ख़ुदा क्जी देन है भाई
तो मेरे रास्ते से क्यों ये दुनिया हट नहीं जाती

वो मुझसे बेतकल्लुफ़ हो के मिलता है मगर ‘राना’
न जाने क्यों मेरे चेहरे से घबराहट नहीं जाती.