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"इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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20:09, 27 जनवरी 2008 का अवतरण
इश्क़ तासीर से नौमेद नहीं 
जाँ सुपारी शजर-ए-बेद नहीं
 
सुल्तनत दस्त-ब-दस्त आई है 
जाम-ए-मै ख़ातम-ए-जमशेद नहीं 
है तजल्ली तेरी सामने वजूद 
जरा बेपरतवे ख़ुर्शीद नहीं 
राज़-ए-माशूक़ न रुसवा हो जाये 
वर्ना मर जाने में कुछ भेद नहीं 
गर्दिश-ए-रंग-ए-तरब से डर है 
ग़म-ए-महरूमी-ए-जावेद नहीं 
कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग 
हम को जीने की भी उम्मीद नहीं 
 
	
	

