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"प्रेम-कविताएँ / रंजना जायसवाल" के अवतरणों में अंतर

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19:41, 24 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

मन की
गुनगुनी आँच पर
पकते हैं
कच्चे हरे शब्द

बनती हैं तब
प्रेम की
सब्ज़-नील कविताएँ।