भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रीति-भेंट / श्रीकांत वर्मा

No change in size, 14:33, 14 फ़रवरी 2010
{{KKCatKavita}}
<poem>
इतने दिनों के बाद अकस्मात मिली मिले तो आँसुओं ने उसके उसे, मेरे मुझे
भरमा दिया,
आँसू जब थमे तो मैं कुछ और था, वह कुछ और-
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,667
edits