भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"समयातीत पूर्ण-1 / कुमार सुरेश" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: ==समयातीत पूर्ण == <poem>हे समयातीत तुम हो संगत और शुद्ध वर्तमान वर्…)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
+
{{KKGlobal}}
==समयातीत पूर्ण
+
{{KKRachna
 
+
|रचनाकार=कुमार सुरेश
==
+
}}
 
+
{{KKCatKavita‎}}
<poem>हे  समयातीत  
+
<poem>
 +
हे  समयातीत  
 
तुम हो  
 
तुम हो  
 
संगत और शुद्ध वर्तमान  
 
संगत और शुद्ध वर्तमान  
पंक्ति 17: पंक्ति 18:
 
पूर्ण का  पूर्ण मैं विलय हुआ  
 
पूर्ण का  पूर्ण मैं विलय हुआ  
 
पूर्ण सदा शेष है  
 
पूर्ण सदा शेष है  
 
 
 
</poem>
 
</poem>

21:45, 20 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

हे समयातीत
तुम हो
संगत और शुद्ध वर्तमान
वर्तमान जिसमे विगत का मोह नहीं
आगत का भय नहीं
तुम हो जिस पल मैं
वहां दुख या सुख नहीं
केवल लीला है

पूर्ण से प्रकट पूर्ण
पूर्ण मैं समाहित पूर्ण
पूर्ण का पूर्ण मैं विलय हुआ
पूर्ण सदा शेष है