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"कातिक का पयान / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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कातिक पयान करने को है, उठाया है
 
कातिक पयान करने को है, उठाया है
 
 
दाहिना चरण, देहरी को लाँघ आया है,
 
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लेकिन अँगूठा अभी भूमि से लगा नहीं,
 
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ऊपर ही ऊपर है, जैसे जगा नहीं
ऊपर ही ऊपर है, जैसे जगा नहीं .
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05:02, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

कातिक पयान करने को है, उठाया है
दाहिना चरण, देहरी को लाँघ आया है,
लेकिन अँगूठा अभी भूमि से लगा नहीं,
ऊपर ही ऊपर है, जैसे जगा नहीं ।