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"फुल्लां दी बहार राती आयों न / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

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  <poem>फुल्लां दी बहार राती आयों न  
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  <poem>फुल्लां दी बहार राती आयों न  
 
शाव्वा राती आयों न  
 
शाव्वा राती आयों न  
 
फुल गये कुम्ला गोरी मन भायो न  
 
फुल गये कुम्ला गोरी मन भायो न  

04:16, 26 फ़रवरी 2010 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

फुल्लां दी बहार राती आयों न
शाव्वा राती आयों न
फुल गये कुम्ला गोरी मन भायो न
शाव्वा राती आयों न

आसे पावां पासे पावां विच विच पावां कलियाँ
जे मेरा रान्जण न मिलया, मैं ढुंडियां सारियां गालियाँ

आसे पावां पासे पावां विच विच पान्वां रेशम
जे मेरा रान्जण न मिलया मैं ढूंडा सारा टेशन

राती आयों न ...

इक मेरा रान्जण आया-शाव्वा
दिल दा सांजण आया-शाव्वा
दिल दी मस्ती आई- शाव्वा
खिड़ खिड़ हस्दी आई-शाव्वा
इक मेरा लाल गवाचा- शाव्वा
लाल गुपाल गवाचा-शाव्वा

नी सुण मेरिये माए-शाव्वा
दीवा बाल चुबारे-शाव्वा
नी मेरा दिल घबराया-शाव्वा
नी मेरा लाल न आया-शाव्वा
लाल गुपाल न आया-शाव्वा

चरखा चन्दन दा
शाव्वा चरखा चन्दन दा
चरखा कूकर देंदा-शाव्वा
कूकर लगी कलेजे-शाव्वा
इक मेरा दिल पया धडके-शाव्वा
दूजे कंगण छणके-शाव्वा

चरखा चन्दन दा
शाव्वा चरखा चन्दन दा
माँ मेरी ने चरखा दित्ता
विच सोने दीआं मेखां
माँ राणी मैनू याद पई आवे
जद चरखे वल वेखां
चरखा चन्दन दा

राती आयों न...