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"आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते (ढोला) / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
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छो (आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते (ढोला)/ पंजाबी का नाम बदलकर आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते (ढोला) / पंजाबी कर दिया गया ह) |
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आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते | आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते | ||
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दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते | दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते | ||
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तेरीयाँ मन्नताँ | तेरीयाँ मन्नताँ | ||
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जीवें ढोला ! | जीवें ढोला ! | ||
मंजी बाण दी-- | मंजी बाण दी-- | ||
− | + | ढोले दीया 'रमजां' मैं सब्बे जाणदी-- | |
− | ढोले दीया 'रमजां' मैं | + | |
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'''भावार्थ''' | '''भावार्थ''' | ||
--'आओ ढोला, इन रास्तों पर | --'आओ ढोला, इन रास्तों पर | ||
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मैं खानकाह(पीर की समाधि) पर दीया जलाए रखती हूँ | मैं खानकाह(पीर की समाधि) पर दीया जलाए रखती हूँ | ||
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तेरी मनौती मानती हूँ | तेरी मनौती मानती हूँ | ||
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जीते रहो ढोला ! | जीते रहो ढोला ! | ||
बान की बुनी हुई खाट है | बान की बुनी हुई खाट है | ||
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ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ !' | ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ !' | ||
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04:25, 26 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते
दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते
तेरीयाँ मन्नताँ
जीवें ढोला !
मंजी बाण दी--
ढोले दीया 'रमजां' मैं सब्बे जाणदी--
भावार्थ
--'आओ ढोला, इन रास्तों पर
मैं खानकाह(पीर की समाधि) पर दीया जलाए रखती हूँ
तेरी मनौती मानती हूँ
जीते रहो ढोला !
बान की बुनी हुई खाट है
ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ !'