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"किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार / शैलेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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जले बहार के लिए, वो ज़िन्दगी | जले बहार के लिए, वो ज़िन्दगी | ||
− | किसी को हो न हो, हमें है | + | किसी को हो न हो, हमें है एतबार |
:::::जीना इसी का नाम है | :::::जीना इसी का नाम है | ||
− | रिश्ता दिल से दिल के | + | रिश्ता दिल से दिल के एतबार का |
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का | ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का |
10:29, 28 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
- जीना इसी का नाम है
माना अपनी जेब से फकीर हैं
फिर भी, यारो ! दिल के हम अमीर हैं
लुटे जो प्यार के लिए, वो ज़िन्दगी
जले बहार के लिए, वो ज़िन्दगी
किसी को हो न हो, हमें है एतबार
- जीना इसी का नाम है
रिश्ता दिल से दिल के एतबार का
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
कि मर के भी किसी के काम आएंगे
किसी के आँसुओं में मुस्कुराएंगे
कहेगा फूल हर कली से बार-बार
- जीना इसी का नाम है