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न्हात जमुना मैं जलजात एक दैख्यौ जात | न्हात जमुना मैं जलजात एक दैख्यौ जात | ||
− | जाको अध-उरध अधिक मुरझायौ है । | + | ::जाको अध-उरध अधिक मुरझायौ है । |
कहै रतनाकर उमहि गहि स्याम ताहि | कहै रतनाकर उमहि गहि स्याम ताहि | ||
− | बस-बासना सों नैंकु नासिका लगायो हैं ॥ | + | ::बस-बासना सों नैंकु नासिका लगायो हैं ॥ |
त्यौं हीं कछु घूमि झूमि बेसुध भये कै हाय | त्यौं हीं कछु घूमि झूमि बेसुध भये कै हाय | ||
− | पाय परे उखरि उभाय मुख छायौ है । | + | ::पाय परे उखरि उभाय मुख छायौ है । |
पाए घरी द्वैक मैं जगाइ ल्याइ ऊधौ तीर | पाए घरी द्वैक मैं जगाइ ल्याइ ऊधौ तीर | ||
− | राधा-नाम कीर जब औचक सुनायौ है | + | ::राधा-नाम कीर जब औचक सुनायौ है ॥1॥ |
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09:39, 2 मार्च 2010 के समय का अवतरण
न्हात जमुना मैं जलजात एक दैख्यौ जात
जाको अध-उरध अधिक मुरझायौ है ।
कहै रतनाकर उमहि गहि स्याम ताहि
बस-बासना सों नैंकु नासिका लगायो हैं ॥
त्यौं हीं कछु घूमि झूमि बेसुध भये कै हाय
पाय परे उखरि उभाय मुख छायौ है ।
पाए घरी द्वैक मैं जगाइ ल्याइ ऊधौ तीर
राधा-नाम कीर जब औचक सुनायौ है ॥1॥