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"असमानों उत्तरी इल्ल वे (ढोला) / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
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असमानों उत्तरी इल्ल वे | असमानों उत्तरी इल्ल वे | ||
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तेरा केहड़ी कुड़ी उत्ते दिल वे | तेरा केहड़ी कुड़ी उत्ते दिल वे | ||
− | + | सभ्भे ने कुआरियाँ, जीवें ढोला ! | |
− | सभ्भे ने कुआरियाँ | + | |
− | + | ||
− | जीवें ढोला ! | + | |
− | + | ||
ढोल मक्खना ! | ढोल मक्खना ! | ||
− | |||
दिल परदेसियाँ दा राज़ी रखना ! | दिल परदेसियाँ दा राज़ी रखना ! | ||
− | |||
'''भावार्थ''' | '''भावार्थ''' | ||
− | |||
--'आकाश से चील उतरी | --'आकाश से चील उतरी | ||
− | |||
अरे तुम्हारा किस युवती पर दिल है ? | अरे तुम्हारा किस युवती पर दिल है ? | ||
− | |||
सभी कुंवारी हैं | सभी कुंवारी हैं | ||
− | + | जीते रहो, सजन ! | |
− | जीते रहो, | + | ओ सजना ! ओ मक्खन ! |
− | + | परदेसीओं का दिल राज़ी रखना !' | |
− | ओ | + | </poem> |
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17:11, 2 मार्च 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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असमानों उत्तरी इल्ल वे
तेरा केहड़ी कुड़ी उत्ते दिल वे
सभ्भे ने कुआरियाँ, जीवें ढोला !
ढोल मक्खना !
दिल परदेसियाँ दा राज़ी रखना !
भावार्थ
--'आकाश से चील उतरी
अरे तुम्हारा किस युवती पर दिल है ?
सभी कुंवारी हैं
जीते रहो, सजन !
ओ सजना ! ओ मक्खन !
परदेसीओं का दिल राज़ी रखना !'