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"सुरमा-ए-मुफ़्त-ए-नज़र हूँ मेरी क़ीमत ये है / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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रुख़्सत-ए-नाला<ref>रोने की अनुमति</ref> मुझे दे कि मुबादा<ref>ऐसो ना हो</ref> ज़ालिम | रुख़्सत-ए-नाला<ref>रोने की अनुमति</ref> मुझे दे कि मुबादा<ref>ऐसो ना हो</ref> ज़ालिम | ||
तेरे चेहरे से हो ज़ाहिर ग़म-ए-पिनहां<ref>छिपा हुआ दुःख</ref> मेरा | तेरे चेहरे से हो ज़ाहिर ग़म-ए-पिनहां<ref>छिपा हुआ दुःख</ref> मेरा | ||
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+ | ख़लवत<ref>एकांत</ref>-ए आबिला-ए-पा<ref>घायल पैर</ref> में है जौलां<ref>दौड़ता हुआ</ref> मेरा | ||
+ | ख़ूं है दिल-तंगी-ए वहशत से बयाबां मेरा | ||
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22:39, 6 मार्च 2010 का अवतरण
सुर्मा-ए-हफ़्त-ए-नज़र<ref>सात चीज़ें (सब कुछ) देखने वाला सुरमा</ref> हूँ, मेरी क़ीमत ये है
कि रहे चश्म-ए-ख़रीदार<ref>ख़रीदार की आँख</ref> पे एहसां मेरा
रुख़्सत-ए-नाला<ref>रोने की अनुमति</ref> मुझे दे कि मुबादा<ref>ऐसो ना हो</ref> ज़ालिम
तेरे चेहरे से हो ज़ाहिर ग़म-ए-पिनहां<ref>छिपा हुआ दुःख</ref> मेरा
ख़लवत<ref>एकांत</ref>-ए आबिला-ए-पा<ref>घायल पैर</ref> में है जौलां<ref>दौड़ता हुआ</ref> मेरा
ख़ूं है दिल-तंगी-ए वहशत से बयाबां मेरा
हसरत-ए नशा-ए वहशत न ब सअई<ref>सहायता</ref>-ए दिल है
`अरज़-ए ख़मयाज़ा<ref>नुकसान</ref>-ए मजनूं है गरेबां मेरा
फ़हम<ref>समझ</ref> ज़न्जीरी-ए-बेरबती-ए दिल है या रब
किस ज़बां में है लक़ब<ref>उपाधि</ref> ख़्वाब-ए-परेशां मेरा
शब्दार्थ
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