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"मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये  
 
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जहाँ तक हो अदाकारी से बचिये  
 
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हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन  
 
हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन  
लहू के शोबदाकारी से बचिये  
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लहू की शोबदाकारी<ref>धोखा</ref> से बचिये  
  
 
शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी  
 
शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी  
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ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना  
 
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तक़ल्लुफ़ की रवादारी से बचिये  
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बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं  
 
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बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये
 
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'''शब्दार्थ :
 
शोबदा= हातचलाखी, धोखा
 
रवादारी=  उदारता, सह्र्दयता
 
 
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19:27, 28 मार्च 2010 के समय का अवतरण

मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये
जहाँ तक हो अदाकारी से बचिये

हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन
लहू की शोबदाकारी<ref>धोखा</ref> से बचिये

शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी
बड़े शहरों में बीमारी से बचिये

ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना
तक़ल्लुफ़ की रवादारी<ref>उदारता</ref> से बचिये

बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं
बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये

शब्दार्थ
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