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बाउल / खेया सरकार

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आकाश, हवा, पेड़, नदी सबसे कहती हूँ,
कहीं कोई बाउल देखो, तो मुझे बुलाना।
</poem>
 '''मूल बंगला से अनुवाद : कुसुम जैन'''
</poem>
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