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12:21, 25 अप्रैल 2010 का अवतरण

हर मोड़ पर
हर चौराहे पर
मिलता है वह पुलिस वाला

मैंने उसके बच्‍चों की कल्‍पना की है
जिनका खयाल कर वह
लोगों को 'ओए' कहकर बुलाता है
दो-चार रूपये ऐंठता है

फिर रात को शर्म पीता है
शराब की बोतलों में
और गरजता है
'सालों' और चूतियों के विरूद्ध.