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"’हैमलेट’ को पढ़ते हुए-2 / आन्ना अख़्मातवा" के अवतरणों में अंतर

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और, जैसे बेमौके
मैंने कहा, "आप ..."
प्रसन्नता की कैसी मुस्कान
फैल गई उस चेहरे पर

कही गई या सोची गई इस तरह कह दी गई बातों से
जल उठेगा हरेक गाल
मैं तुम्हें उन चालीस बहनों की तरह प्यार करती हूँ
जो प्यार करती थीं और आशीष देती थीं।


अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह