भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दरिंदा / भवानीप्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
लेखक: [[भवानीप्रसाद मिश्र]]
 
लेखक: [[भवानीप्रसाद मिश्र]]
 +
[[Category:कविताएँ]]
 
[[Category:भवानीप्रसाद मिश्र]]
 
[[Category:भवानीप्रसाद मिश्र]]
  

19:15, 21 जुलाई 2006 का अवतरण

लेखक: भवानीप्रसाद मिश्र

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*

दरिंदा
आदमी की आवाज़ में
बोला

स्वागत में मैंने
अपना दरवाज़ा
खोला

और दरवाज़ा
खोलते ही समझा
कि देर हो गई

मानवता
थोडी बहुत जितनी भी थी
ढेर हो गई !