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"तेरा प्रेम हृदय में जिसके / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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21:35, 31 मई 2010 के समय का अवतरण

तेरा प्रेम हृदय में जिसके
हुआ अंकुरित, बना विभोर,
उसे मर्म में छिपा, अश्रु से
सींचेगा वह, प्रिय, निशि भोर!
भले परीक्षा मिस या छल से
झटके तू अपना अंचल
कभी न छोड़ेगा वह दामन
फिरे न जब तक करुणा कोर!