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"नागार्जुन की कविता / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर

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'''नागार्जुन की कविता'''
 
 
 
सन उन्नीस सौ अठानवें के
 
सन उन्नीस सौ अठानवें के
 
ग्यारहवें महीने की पांच तारीख को
 
ग्यारहवें महीने की पांच तारीख को

16:09, 6 जून 2010 के समय का अवतरण

सन उन्नीस सौ अठानवें के
ग्यारहवें महीने की पांच तारीख को
नहीं रहे बाबा नागार्जुन
यह खबर मैंने नहीं पढ़ी

पढ़ रहा था मैं
एक जीती जागती
नागार्जुन की कविता
यानी जीवन से भरी सरिता

रचनाकाल:1998