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"बच्चे / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर

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'''बच्चे'''
 
 
 
जो मर्ज़ी के मालिक होते हैं
 
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और मन के सच्चे
 
और मन के सच्चे

16:10, 6 जून 2010 के समय का अवतरण

जो मर्ज़ी के मालिक होते हैं
और मन के सच्चे
भले होते हैं वे बच्चे

भली होती हैं
उनकी छोटी-छोटी ख्वाहिशें
छोटे-छोटे सपने

भली होती हैं
छोटी सी ख्वाहिश को
पूरा करने की
उनकी बड़ी-सी जिद्द

अपनी ख्वाहिशों की खातिर
कुछ कर गुजरते हैं जो बच्चे
भले होते हैं वो बच्चे

रचनाकाल:1995