"डा. माहेश्वर की फोटो / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=पतंग और चरखड़ी / मुकेश मानस }} …) |
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | |||
− | |||
− | |||
गए पुस्तक मेले में | गए पुस्तक मेले में | ||
मिले थे डा. माहेश्वर | मिले थे डा. माहेश्वर |
16:24, 6 जून 2010 के समय का अवतरण
गए पुस्तक मेले में
मिले थे डा. माहेश्वर
एक स्टाल पर
कुछ किताबें खरीदते हुए
देखते ही खुश हुए
मुस्कुराहट उभर आई चेहरे पर
चमक दिखी आंखों में
फिर किसी बात पर
अनायास हंस पड़े
दिल खोलकर हंसते थे डा. माहेश्वर
दिल खोलकर हंसना उनकी आदत थी
परेशानी जब झलकने लगती थी माथे पर
तब एकाएक कहीं भी
किसी भी बात पर
दिल खोलकर हंसने लगते थे
और हंसते हुए किसी रोमवासी की तरह
दिखते थे डा. माहेश्वर
पुस्तक मेले में
जब वो हंस रहे थे
तब मैंने अपने कैमरे से
उनकी एक फोटो उतारी थी
फोटो देने घर आना’
वह जाते हुए बोले थे
मैं उनके घर नहीं जा पाया
उनको फोटो नहीं दे पाया
बहुत देर हो चुकी थी
डा. माहेश्वर अब अपने घर में नहीं थे
मेरे कैमरे से उतारी गई
उस फोटो में उतर आए थे
डा. माहेश्वर . . .
रचनाकाल:2000