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"सौ वजूहात याद आने के / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर
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छोडिये जिक्र उस जमाने के, | छोडिये जिक्र उस जमाने के, |
08:45, 11 जून 2010 का अवतरण
छोडिये जिक्र उस जमाने के,
वो फ़साने हैं दिल दुखाने के |
एक कोशिश है भूल जाने की,
सौ वजूहात याद आने के|
ऐसे जाना भी क्या यार जाना,
तोड़कर पुल गरीब खाने के|
रामजी मुझको और दुःख दे दो
काम आयेंगे गम भुलाने के |