भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उस वक़्त / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=परवीन शाकिर | |रचनाकार=परवीन शाकिर | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=ख़ुशबू / परवीन शाकिर |
}} | }} | ||
− | जब | + | {{KKCatNazm}} |
− | + | <poem> | |
+ | जब आँख में शाम उतरे | ||
पलकों पे शफ़क फूले | पलकों पे शफ़क फूले | ||
− | |||
काजल की तरह मेरी | काजल की तरह मेरी | ||
− | + | आँखों को धनक छू ले | |
− | + | ||
− | + | ||
उस वक़्त कोई उसको | उस वक़्त कोई उसको | ||
− | + | आँखों से मेरी देखे | |
− | + | ||
− | + | ||
पलकों से मेरी चूमे | पलकों से मेरी चूमे | ||
+ | </poem> |
13:08, 14 जून 2010 के समय का अवतरण
जब आँख में शाम उतरे
पलकों पे शफ़क फूले
काजल की तरह मेरी
आँखों को धनक छू ले
उस वक़्त कोई उसको
आँखों से मेरी देखे
पलकों से मेरी चूमे