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जब 'वे' सपना बन आवें | जब 'वे' सपना बन आवें | ||
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तुम चिरनिद्रा बन जाना! | तुम चिरनिद्रा बन जाना! | ||
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- महादेवी (नीहार) | - महादेवी (नीहार) |
06:05, 20 अक्टूबर 2007 का अवतरण
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achha hai. naam se hi kavita kosh hai. kahani kosh banane ki kisi prakar ki pahle ki baat aapne sochi hai?
Lalit Karma lalitkarma@rediffmail.com
स्वागत
कविता कोश में नये योगदानकर्ताओं का हार्दिक स्वागत है। कुछ कारणवश मैं पिछले कुछ दिन से कोश में कोई काम नहीं कर पाया। मैनें आज ही फिर से कार्य आरम्भ किया है। नये सदस्यों में प्रतिष्ठा जी का योगदान बहुत सराहनीय है। बहुत से नये सदस्य कोश के साथ जुड़े हैं। यह देख कर प्रसन्नता होती है। सामूहिक प्रयास से ही कविता कोश की प्रगति सम्भव है। आपका मित्र ----Lalit Kumar ११:५९, ७ सितम्बर २००७ (UTC)
हम कविता कोश के सदस्य, पाठक और योगदानकर्ता पूरे दो महीने बाद कविता कोश के सम्पादक और सिसओप भाई ललित कुमार की घर वापसी का स्वागत करते हैं । ललित जी दो महीने बीमार रहे और कोश का नाम नहीं देख पाए । अब लौट कर आए हैं । वे अब भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं लेकिन कविता कोश को अपना समय दे रहे हैं, इसके लिए हम उनके हार्दिक आभारी हैं और कामना करते हैं कि वे जल्दी से जल्दी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएँ ताकि कोश को अधिक से अधिक समय दे सकें । कोश का सारा तकनीकी काम वे अकेले ही देखते हैं ।
----सदस्य: अनिल जनविजय। अनिल जनविजय१७:४६' ८ सितम्बर २००७ (UTC)
- धन्यवाद अनिल जी। अब कोश का काम तेजी से आगे बढा़ने की कोशिश करेंगे ताकि पिछले दिनों हुए कम काम की भरपाई हो सके। क्या आपको कनुप्रिया के सभी सर्गों की सिलसिलेवार सूची मिली? --Lalit Kumar १३:०८, ९ सितम्बर २००७ (UTC)
Lalit jii, mai kshmaa chaahtaa hun ki ab tak "kanupriyaa" mujhe nahin milii hai. lekin mai bhaartiijii kii kuchh duusrii lambii kavitaayen Kavitaa Koshmen daalne vaalaa hun. -- anil janvijay17.46, 19 sitambar 2007 (UTC)
श्री ललित जी, पिछले महीने ही मुझे कविता कोश का पता चला। आपके प्रयास के लिये साधुवाद । मेरा एक सुझाव है कि कुछ कवितायें/अंश जिनके कवि का नाम अज्ञात है,उन्हें अज्ञात या मुक्तक या विविध के नाम से रखा जा सकता है ।अगर किसी सदस्य को उस पद्य/पद्यांश के कवि का नाम मालूम हो तो वे उसे सही जगह लगा दें ।*** संजीव द्विवेदी*(sandwivedi) * २६/९/२००७
- संजीव जी, कविता कोश में इस तरह का पन्ना काफ़ी पहले से बना हुआ है। इसका लिंक कवियों की सूची के पन्ने के ऊपरी हिस्से में अवर्गीकृत रचनाएँ के रूप में दिया गया है। --Lalit Kumar २०:४०, २६ सितम्बर २००७ (UTC)
मित्रों, हमारे कविता-कोश की नई और महत्त्वपूर्ण सदस्य बनी हैं प्रतिष्ठा जी । उन्होंने पिछले कुछ ही दिनों में इतना ज़्यादा और इतना अच्छा काम किया है कि हमें उनकी गति देखकर आश्चर्य होता है और गर्व भी । लगता है, जल्दी ही वे हम सभी को बहुत पीछे छोड़ देंगीं । प्रतिष्ठा जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ । चलिए, आइए, उनसे एक स्वस्थ प्रतियोगिता करें और यह देखें कि कौन आगे रहता है । ----सदस्य: अनिल जनविजय। अनिल जनविजय२३:३९' २६ सितम्बर २००७ (UTC)
maine aaj pahli baar is site ko dekha. achchca laga.. rajan
बधाई
प्रतिष्ठा (Pratishtha) अब कविता कोश में योगदान देने वाले व्यक्तियों की सूची में दूसरे स्थान पर आ पहुँची हैं। यह स्थान पाना सरल नहीं था -क्योंकि पिछले एक वर्ष में कई व्यक्तियों ने कोश में बहुत सा योगदान दिया है। प्रतिष्ठा ने यह मंज़िल काफ़ी कम समय में पा ली है। इसके लिये कविता कोश उनका आभारी रहेगा। अनिल जी ने सही कहा है कि योगदानकर्ताओं के बीच एक स्वस्थ प्रतियोगिता कोश के विकास में सहायक ही सिद्ध होगी। आइये प्रतिष्ठा को उनके श्रम के लिये धन्यवाद दें और इस मंज़िल तक आने के लिये बधाई दें। --Lalit Kumar १६:५६, ११ अक्टूबर २००७ (UTC)
माननीय ललितजी, मीरा कुमार की एक गजल ढूँढने के क्रम मे इस साईट तक पहुँचा. पता नही ऐसे एक कोष को मैँ कितने समय से ढूँढ रहा था. आपका कोटिश: धन्यवाद. कवियोँ की सूची मेँ सारे प्रमुख कवियोँ के नाम थे, किँतु राम नरेश त्रिपाठीजी का नाम नही देख कर निराशा हुई. अनुरोध है, इस कमी को पूरा कर देँ.
- अजय जी, आपको कविता कोश अच्छा लगा इसकी हम सभी को खुशी है। त्रिपाठी जी के नाम को कोश में जोड़ने के प्रयास आरम्भ कर दिये गये हैं। --Lalit Kumar १७:५२, १२ अक्टूबर २००७ (UTC)
श्री ललित जी,
"कोशिश करने वालों की " यह कविता संभवतः श्री हरिवंश राय जी की है,इसे निराला जी की कविताओं के अंतर्गत रखा गया है।कृपया जाँच लेगें। - संजीव द्विवेदी १२/१०/२००७
- संजीव जी, इस रचना के रचनाकार के बारे में मतभेद है। कुछ लोग इसे सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" जी की रचना बताते हैं और कुछ हरिवंशराय बच्चन जी की। यदि आपके पास इस दुविधा को दूर करने के लिये इस बारे में कोई प्रमाण हो तो कृपया बताइये। --Lalit Kumar १७:५२, १२ अक्टूबर २००७ (UTC)
"कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती" - मुझे पूरा यकीन है कि यह कविता "सूर्यकांत त्रिपाठी निराला" की है। मैने अपनी school book मे "निराला" के नाम से ही पढी थी। मैने कभी नहीं सुना की ये "हरिवंशराय बच्चन" की है।
Pratishtha
हिंदी विकिपीडिया से सहकार्य
हिंदी भाषा मै स्तरीय विश्वकोष स्थापनार्थाय विकिपीडिया का हिंदी अध्याय मै कार्य हो रहा है। विकिपीडिया मै अगर इस विकि का कवियों की सूची मै सूचीकृत पृष्ठौं को निर्यात हों सकें तो इन साहित्यकारौ के बारे मे विश्वकोशीय लेख लिखना सहज होगा। अत:, मेरा यह निवेदन है कि अगर इन पृष्ठौं का कोही डेटाबेस हों तो सहायता स्वरुप विकिपीडिया मै भी प्रदान कर दीजिए, अगर कोही डेटाबेस ना हों तो हमे इन लेखकौं के पृष्ठौं को हिंदी विकिपीडिया मै लगाने के अनुमति दीजिए। कष्ट के लिए क्षमा प्रार्थी हुं। धन्यवाद।--युकेश २१:०१, १९ अक्टूबर २००७ (UTC)
हिंदी विकिपीडिया के सरह अगर आप लोग यहां भी सरल देवनागरी इन्पुट को enable करें तो देवनागरी install ना करके भी लोग यहां पर सम्पादन कर पाएंगे। इस के लिए आप हिंदी विकिपीडिया के Mediawiki:monobook.js को देख सकते है।--युकेश २१:०६, १९ अक्टूबर २००७ (UTC)
एक काव्य मोती
(ललित जी, आप सब बंधुओं के लिये-)
मेरे जीवन की जागृति
देखो फिर भूल न जाना
जब 'वे' सपना बन आवें
तुम चिरनिद्रा बन जाना!
- महादेवी (नीहार)