भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आत्म-स्वीकृति / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna | रचनाकार=रमेश कौशिक | संग्रह=चाहते तो... / रमेश कौशिक }} <poem> जब…)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:56, 26 जून 2010 के समय का अवतरण

जब वह डूब रहा था
तब मैंने उसे
       बचाया था
इसलिए नहीं कि
मेरे मन में
दया-भाव आया था
वरन् इसलिए
कि उसकी कृतज्ञता के
          कंधों पर
       खड़ा हो सकूँ
   बौनों की दुनिया में
  इस तरह बड़ा हो सकूँ.