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"क़द / चंद्र कुमार जैन" के अवतरणों में अंतर

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उसने
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खड़ी की ऊँची दीवारें
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एक गगनचुंबी महल
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अब क्या है
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महल ही जब ऊँचा हो गया
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महल ही जब ऊँचा हो गया<br>
तो आदमी का कद.....!!!
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तो आदमी का कद.....!!!<br><br>

17:06, 29 अप्रैल 2007 का अवतरण

रचनाकार: चंद्र कुमार जैन

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अपने कद को
ध्यान में रखकर
उसने
खड़ी की ऊँची दीवारें
और बनाया
एक गगनचुंबी महल
अब क्या है
महल ही जब ऊँचा हो गया
तो आदमी का कद.....!!!