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"आई है / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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15:59, 5 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

पहाडों का सीना चीर
रास्ते के हर पत्थर को
ठोकर मार
यहां तक
जब चली आई है नदी

तो अब क्यों न
हमीं आगे बढ़कर
बांहों में भींच लें इसे
हमीं से मिलने तो आई है यह !