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"रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गये / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर

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रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए <br>
 
रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए <br>

20:19, 27 जनवरी 2008 का अवतरण

रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए
धोए गए हम ऐसे कि बस पाक हो गए

सर्फ़-ए-बहा-ए-मै हुए आलात-ए-मैकशी
थे ये ही दो हिसाब सो यों पाक हो गए

रुसवा-ए-दहर गो हुए आवार्गी से तुम
बारे तबीयतों के तो चालाक हो गए

कहता है कौन नाला-ए-बुलबुल को बेअसर
पर्दे में गुल के लाख जिगर चाक हो गए

पूछे है क्या वजूद-ओ-अदम अहल-ए-शौक़ का
आप अपनी आग से ख़स-ओ-ख़ाशाक हो गए

करने गये थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला
की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए

इस रन्ग से उठाई कल उस ने "असद" की नाश
दुश्मन भी जिस को देख के ग़मनाक हो गए