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"आज फिर वो पुरानी कहानी याद आई / राजेश चड्ढा" के अवतरणों में अंतर
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उम्र हल्की-सी हुई फिर से जवानी आई । | उम्र हल्की-सी हुई फिर से जवानी आई । | ||
23:01, 18 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
आज फिर याद पुरानी वो कहानी आई,
उम्र हल्की-सी हुई फिर से जवानी आई ।
ख़त का रंग खुद ही गुलाबी-सा हुआ,
और कुछ बात तेरी याद जुबानी आई ।
दिन को फूलों से बहुत हमने सजा कर रखा,
ख़्वाब में आई तो बस रात की रानी आई ।
अब भी हाथों को मेरे तेरा भरम होता है
जब भी हाथों में मेरे तेरी निशानी आई ।