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"एक-एक क्षण जिया गया है / हरीश भादानी" के अवतरणों में अंतर

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<poem>एक-एक क्षण जिया गया है
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एक-एक क्षण जिया गया है
 
       अभी-अभी
 
       अभी-अभी
 
       डूबे सूरज की
 
       डूबे सूरज की

01:20, 7 अगस्त 2010 का अवतरण

एक-एक क्षण जिया गया है
      अभी-अभी
      डूबे सूरज की
      दिनभर की
            कुनमुनी झील को
सांस-सांस भर पिया गया है
एक-एक क्षण जिया गया है


      अभी चुभे
      अंधियारे विष से
      सीत्कारती
            आवाज़ों को


रात-रात भर सिया गया है
एक-एक क्षण जिया गया है


      खोल मौन के
      बंद किवाड़े
      मन के इतने बड़े नगर में
कोलाहल भर लिया गया है
एक-एक क्षण जिया गया है