भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उस जनपद का कवि हूँ / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(New page: रचनाकारः त्रिलोचन Category:कविताएँ Category:त्रिलोचन शास्त्री ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ ...) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) छो |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | रचनाकारः [[त्रिलोचन]] | + | रचनाकारः [[त्रिलोचन शास्त्री]] |
[[Category:कविताएँ]] | [[Category:कविताएँ]] | ||
[[Category:त्रिलोचन शास्त्री]] | [[Category:त्रिलोचन शास्त्री]] |
15:04, 19 मई 2007 का अवतरण
रचनाकारः त्रिलोचन शास्त्री
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
उस जनपद का कवि हूँ जो भूखा दूखा है,
नंगा है, अनजान है, कला--नहीं जानता
कैसी होती है क्या है, वह नहीं मानता
कविता कुछ भी दे सकती है। कब सूखा है
उसके जीवन का सोता, इतिहास ही बता
सकता है। वह उदासीन बिलकुल अपने से,
अपने समाज से है; दुनिया को सपने से
अलग नहीं मानता, उसे कुछ भी नहीं पता
दुनिया कहाँ से कहाँ पहुँची; अब समाज में
वे विचार रह गये नही हैं जिन को ढोता
चला जा रहा है वह, अपने आँसू बोता
विफल मनोरथ होने पर अथवा अकाज में।
धरम कमाता है वह तुलसीकृत रामायण
सुन पढ़ कर, जपता है नारायण नारायण।