भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"राजनीति / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:38, 22 अगस्त 2010 के समय का अवतरण
एक
कितनी पार्टियां, कितने झंडे
कितनी लाईनें, कितने अजंडे
राजनीति के कितने फंदे
कितने धंधे
सीधी-साधी जनता पर
चल रहे हैं कितने रंदे
दो
आते ही रहेंगे भेड़िये
चोला बदल बदलकर
दरअसल ऐसा ही है
वोट की राजनीति का चक्कर
तीन
जनवाद के शीशे में
दिखते हैं आजकल
कई-कई चेहरे
अवसरवाद के
2002